इस हफ्ते बजट, फेड मीटिंग सहित ये 8 फैक्टर तय करेंगे शेयर बाजार की चाल, क्या FII वापस लौटेंगे?

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शेयर बाजार इस हफ्ते कई महत्वपूर्ण इवेंट के दौर से गुजरेगा जो आने वाले समय में बाजार की दिशा तय कर सकती हैं. निफ्टी पिछले तीन हफ्तों से लाल निशान में चल रहा है और इस हफ्ते भी निवेशकों को बाजार में कोई खास उत्साह नजर नहीं आ रहा है. हालांकि, इस हफ्ते कई महत्वपूर्ण फैक्टर हैं जो बाजार को प्रभावित कर सकते हैं. आइए जानते हैं विस्तार से…

बजट
इस हफ्ते का सबसे बड़ा इवेंट 1 फरवरी को प्रस्तुत होने वाला यूनियन बजट है. बाजार इस बजट से उम्मीदें लगाए बैठा है, खासकर सरकार की ओर से उन कदमों की जो अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित कर सकें और उपभोग बढ़ा सकें. निवेशकों की नजर खासकर आयकर में बदलाव, कैपेक्स बढ़ाने और समग्र विकास योजनाओं पर रहेगी. बजट के बाद का ट्रेडिंग सत्र, जो विशेष रूप से उसी दिन होगा, भी बाजार में बड़े उतार-चढ़ाव ला सकता है.

क्वार्टर 3 के नतीजे (Earnings Season)
क्वार्टर 3 के नतीजे आमतौर पर उम्मीद से थोड़े कमजोर रहे हैं, और कंपनियों के मैनेजमेंट की टिप्पणी भी उतनी उत्साहजनक नहीं रही है. इस सप्ताह टाटा स्टील, बजाज ऑटो, मारुति, टाटा मोटर्स, ONGC, सिप्ला, और इंडसइंड बैंक जैसी प्रमुख कंपनियों के नतीजे आने वाले हैं. ये नतीजे बाजार पर दबाव बना सकते हैं या फिर बाजार में कुछ राहत का संकेत भी दे सकते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा.

फेड मीटिंग (US Fed Meeting)
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की 28-29 जनवरी को होने वाली बैठक पर भी बाजार की नजरें होंगी. यहां उम्मीद की जा रही है कि फेड ब्याज दरों को स्थिर रख सकता है, हालांकि, पिछले महीने के 25 आधार अंकों के कटौती के बाद आगामी निर्णय पर अनिश्चितता बनी हुई है. इसके अलावा, डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में दी गई टिप्पणियां भी अमेरिकी नीतियों के बारे में अनिश्चितता पैदा कर सकती हैं.

एफआईआई का रुख (FII Action)
विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) इस हफ्ते भी प्रमुख फैक्टर होंगे. अब तक, FII ने लगभग 67,000 करोड़ रुपये का पूंजी निकासी की है. यदि एफआईआई बाजार में पुनः निवेश करने का निर्णय लेते हैं, तो यह बाजार में सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. इसके विपरीत, यदि एफआईआई का रुख नकारात्मक रहता है, तो यह बाजार को और नीचे खींच सकता है.

ट्रंप की नीतियां (Trump’s Policies)
अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दी जाने वाली नई नीतियां भी बाजार में अनिश्चितता पैदा कर सकती हैं. उनकी नीतियों से संबंधित घोषणाएं शॉर्ट टर्म में बाजार पर असर डाल सकती हैं.

मैक्रो डेटा
इस हफ्ते कुछ प्रमुख मैक्रो इवेंट्स भी होंगे, जिनमें ECB के ब्याज दरों का निर्णय, US होम सेल्स डेटा, भारत के कोर सेक्टर की आउटपुट, और US PCE डेटा प्रमुख हैं. इन डेटा से बाजार की दिशा तय हो सकती है.

तकनीकी संकेत (Technical Factors)
तकनीकी दृष्टिकोण से, निफ्टी पिछले 10 ट्रेडिंग सत्रों से 22,950-23,450 के दायरे में कारोबार कर रहा है. 22,950 के नीचे गिरावट आने पर, 22,550-22,600 के स्तर तक बाजार में और बिकवाली का दबाव आ सकता है. इसके उलट, अगर निफ्टी 23,460 के ऊपर बंद होता है, तो 23,800 तक का एक शॉर्ट टर्म रैली देखने को मिल सकती है.

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