नमस्कार दोस्तों मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव स्थित बागेश्वर बाबा के नाम से मशहूर पंडित धीरेंद्र शास्त्री अपने दरबार को लेकर काफी सुर्खियों में रहते हैं. बाबा बागेश्वर से जुड़े कुछ ऐसे प्रश्न है जो अक्सर पूछे जाते हैं तथा सोशल मीडिया पर आए दिन लोग सर्च करते रहते हैं. यह प्रश्न कौन सा है और क्या है इसके उत्तर के लिए इस आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं बागेश्वर धाम की पेशी कैसे होती है.
यहां अर्जी लगाने लोग दूर-दूर से आते हैं अर्जी लगाने पर धीरेन्द्र शास्त्री उनका पर्ची पढ़कर उनके समस्याओं का निवारण करते हैं. अर्जी लगाने के बाद बागेश्वर धाम में पेशी लगाना भी आवश्यक माना जाता है. बताया जाता है कि जब दरबार में किसी की अर्जी लगती है तो बागेश्वर धाम दरबार में धीरेन्द्र शास्त्री खुद बता देते हैं कि उसे श्रद्धालु को कितनी पेशी करने की जरूरत है बागेश्वर धाम की इंटरनेट वेबसाइट की सूचना के हिसाब से कम से कम पांच मंगलवार की पेशी हर भक्त को करने को कहा जाता है.
![Bageshwar Dham : यहां जानिए बागेश्वर धाम में अर्जी कैसे लगती है](https://i0.wp.com/publickinews.com/wp-content/uploads/2025/02/Dhirendra-Shastri-Maharaj.png?resize=618%2C556&ssl=1)
बागेश्वर धाम में अर्जी कैसे लगती है?
जानकारी के मुताबिक जिस किसी को भी बागेश्वर धाम अपनी अर्जी लगवानी होती है वह धाम पर जाकर रंगीन कपड़े में एक नारियल बांध कर बागेश्वर धाम परिसर में रख देते हैं. यहां पर लाल पीले और काले कपड़े में नारियल को बांधते हैं यदि अर्जी सामान्य है तो लाल कपड़ा अगर शादी विवाह से जुड़ी अर्जी है तो पीला कपड़ा और अगर भूत-प्रेत जुड़ी अर्जी है तो नारियल को काले कपड़े बांधकर रखते हैं.
कौन थे बागेश्वर धाम के सन्यासी बाबा
जानकारी के अनुसार धाम से जुड़े लोगों से पूछने पर बताते हैं कि सन्यासी बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री के परदादा थे उन्होंने ही बागेश्वर धाम बालाजी का मंदिर बनवाया था कहा जाता है कि आसपास के क्षेत्र में उनकी विशेष मान्यताएं थी. वह भी लोगों की समस्याओं का निवारण करते थे