इस पक्षी का करे पालन, कम लागत में होती है सबसे ज्यादा मुनाफा, लाखों कमा रहे लोग

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चित्रा पक्षी या तीतर सुनने में अजीब लग सकते हैं, लेकिन अंडे और मांस के लिए इनकी बहुत मांग है। उसकी अंडे और मांस की पोषकता को देखते हुए, मुर्गी की तुलना में इसकी बिक्री महंगी होती है। तीतर पालन करने वाले किसान इससे अच्छी कमाई प्राप्त करते हैं। तीतर पालन का काम तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था में वृद्धि हो रही है। यह सबसे अच्छा स्वरोजगार का साधन बनता जा रहा है, खासकर गांवों में।

 

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पालन में कम खर्च आता है और अंडे और मांस आसानी से बिक जाते हैं। भारत की जलवायु भी इस पक्षी के पालन के लिए अच्छी है। तीतर के मांस और अंडे में अधिक विटामिन और कम कोलेस्ट्रॉल होता है। लोग मांस को देखते हैं। तीतर आसपास के कीटों, कीड़ों और कृमियों को खाते हैं, इसलिए इस पक्षी को कीट नियंत्रण के लिए भी अच्छा माना जाता है। मार्च से सितंबर तक, एक मादा तीतर 90-110 अंडे देती है।

 

कैसे व्यावसायिक पालन करें

तीतरों को व्यावसायिक रूप से पालन करने के लिए उनके भोजन का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि मादा तीतर भी अंडे देती है। अंडा सेने के 28 दिन लगते हैं। एक तीतर 10 -15 अंडे एक साथ दे सकती है। जब अंडे स्वस्थ होते हैं, तो चूजे भी स्वस्थ होते हैं। इनक्यूबेटर भी कृत्रिम रूप से काम करता है। चूजे निकलने के बाद उनका बहुत ध्यान रखना होगा। चूज भुखमरी से मरते हैं। इससे बचने के लिए उनके दाना-पानी पर पूरा ध्यान देना चाहिए। छोटे चूजे को दूध और अंडे दिए जाते हैं ताकि वे आगे बढ़ सकें और अधिक मांस दे सकें। इससे बच्चों में प्रोटीन का स्तर बढ़ता है और चूजे स्वस्थ रहते हैं। तीतर के बच्चों को हरे रंग बहुत अच्छे लगते हैं, इसलिए उनके दाने में हरे रंग की पत्तियां डालकर रखें। इससे वे खाने के प्रति आकर्षित होंगे, जिससे वे अधिक भोजन कर सकेंगे।

 

तीतर सफाई करता है

तीतर केंचुओं, छोटे कीड़ों, घोंघों, रसोई से निकलने वाले कचरे और दीमकों को खाते हैं, इसलिए वे अच्छी तरह से सफाई करते हैं। ये सभी अच्छे प्रोटीन स्रोत हैं। यह तीतर को प्रोटीन और सफाई भी देता है। ताकि मांस और अंडे अधिक पोषक हों, तीतर को हमेशा कैल्शियम से भरना चाहिए। तीतर को चिकन से अधिक प्रोटीन, विटामिन और मिनरल की आवश्यकता होती है। गर्मियों में तीतरों को अधिक पानी पिलाना चाहिए। सूखे दाने और हरे भोजन भी शामिल होना चाहिए। तीतर के लिए ताजा ल्यूसर्न घास सबसे अच्छा है।

 

पौष्टिक अंडा

30 हफ्ते बाद मादा तीतर अंडे देना शुरू कर देती है। उत्पादन पहली बार अंडा देने के 24 हफ्ते बाद शुरू होता है। ठीक आहार देकर आप अंडे उत्पादन कर सकते हैं। यह रंगीन अंडा करीब 85 ग्राम वजन रखता है। अंडे में बहुत अधिक प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट और मिनरल होते हैं। प्रति ग्राम जर्दी में 15 से 23 मिलीग्राम कोलेस्ट्रॉल होता है।

 

मांस उत्पादन

तीतर का मांस चिकन से अधिक लोकप्रिय है क्योंकि यह पतला है। प्रति 100 ग्राम मांस में 24 प्रतिशत प्रोटीन, 6 प्रतिशत वसा और 162 कैलोरी ऊर्जा होती है। इसमें लौह पदार्थ, सेलेनियम, जिंक, सोडियम, कैल्सियम, मैग्नेशियम और पोटैशियम भी होते हैं। इसमें विटामिन बी6 और बी12 भी हैं। 10 से 20 किलो के तीतर को 300-500 रुपये में बेचा जा सकता है, यदि आप उसे खरीदते हैं। प्रति तीतर 24 हफ्ते में 300-400 रुपये का लाभ मिलता है।

 

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